श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा


नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब !
सन्तजनों के काज में करती नहीं विलम्ब !!

जय जय जय विन्ध्याचल रानी ! आदि शक्ति जगबिदित भवानी !!
सिंह वाहिनी जय जगमाता ! जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता !!
कष्ट निवारिणि जय जग देवी ! जय जय सन्त असुर सुरसेवी !!
महिमा अमित अपार तुम्हारी ! शेष सहस मुख बरनत हारी !!
दीनन के दुख हरत भवानी ! नहिं देख्यो तुम सम कोऊ दानी !!
सब कर मनसा पुरवत माता ! महिमा अमित जगत विख्याता !!
जो जन ध्यान तुम्हारो लावे ! सो तुरतहिं वाँछित फल पावे !!
तू ही वैष्णवी तू ही रुद्राणी ! तू ही शारदा अरु ब्रह्माणी !!
रमा राधिका स्यामा काली ! तू ही मात सन्तन प्रतिपाली !!
उमा माधवी चण्डी ज्वाला ! बेगि मोहि पर होहु दयाला !!
तुम ही हिंगलाज महारानी ! तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी !!
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता ! दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता !!
तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी ! हेमावती अम्बे निरबानी !!
अष्टभुजी बाराहिनि देवा ! करत विष्णु शिव जाकर सेवा !!
चौसट्टी देवी कल्याणी ! गौरि मंगला सब गुन खानी !!
पाटन मुम्बा दन्त कुमारी ! भद्रकाली सुन विनय हमारी !!
बज्रधारिनी सोक नासिनी ! आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी !!
जया और विजया बैताली ! मातु संकटी अरु बिकराली !!
नाम अनन्त तुम्हार भवानी ! बरनै किमि मानुष अज्ञानी !!
जा पर कृपा मातु तव होई ! तो वह करै चहै मन जोई !!
कृपा करहुँ मोपर महारानी ! सिद्ध करिये अब यह मम बानी !!
जो नर धरै मातु कर ध्याना ! ताकौ सदा होय कल्याना !!
बिपत्ति ताहि सपनेहुँ नहि आवै ! जो देवी का जाप करावै !!
जो नर कहे रिन होय अपारा ! सो नर पाठ करे सतबारा !!
निश्चय रिनमोचन होई जाई ! जो नर पाठ करे मन लाई !!
स्तुति जो नर पढ़ै-पढ़ावै ! या जग में सो बहु सुख पावै !!
जाको ब्याधि सतावै भाई ! जाप करत सब दूर पराई !!
जो नर अति बन्दी महँ होई ! बार हजार पाठ कर सोई !!
निश्चय बन्दी ते छुटि जाई ! सत्य वचन मम मानहु भाई !!
जापर जो कुछ संकट होई ! निश्चय देबिहि सुमिरै सोई !!
जा कहँ पुत्र होय नहि भाई ! सो नर या विधि करै उपाई !!
पाँच बरस सो पाठ करावै ! नौरातर महँ बिप्र जिमावै !!
निश्चय होहि प्रसन्न भवानी ! पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी !!
ध्वजा नारियल आन चढावै ! विधि समेत पूजन करवावै !!
नित प्रति पाठ करै मन लाई ! प्रेम सहित नहिं आन उपाई !!
यह श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा ! रंक पढ़त होवै अवनीसा !!
यह जानि अचरज मानहुँ भाई ! कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई !!
जय जय जय जगमातु भवानी ! कृपा करहुँ मोहि पर जन जानी !!