मैं देश के सभी लोगों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूँ - विनती करता हूँ कि वे हिन्दू बनें ! लेकिन मेरी बातों का गलत अर्थ मत लगाइये ! मैं किसी से यह नहीं कह रहा ह कि वह अपना धर्म परिवर्तित कर ले ! मैं किसी मुसलमान से यह नहीं कह रहा कि वह इस्लाम को मानना छोड़ दे ! मैं किसी ईसाई से यह नहीं कहता कि वह यीशूमसीह का सम्मान न करे ! मैं किसी की धार्मिक भावना को बिल्कुल भी ठेस नहीं पहुँचाना चाहता ! किसी नये विवाद को जन्म नहीं देना चाहता ! मैं तो अपने देशवासियों को बताना चाहता हूँ ...हिन्दू क्या है ? हिन्दू कौन है..?? और क्यों मैं देश के हर नागरिक से हिन्दू बनने की अपील कर रहा हूँ! मैं यह बताना चाहता हूँ कि हम हिन्दू कौन हैं ? क्यों है ? किसलिए हैं ? हमारा धर्म क्या है ? क्यों है ? और क्यों मैं अपने हर देशवासी से अपील कर रहा हूँ कि हिन्दू बनो ! कुछ विद्वान मानते है कि हिंदू धर्म द्रविड़ो का मूल धर्म था और शिव द्रविड़ो के देवता थे, जिन्हें आर्यों ने अपना लिया ! हिन्दू धर्म विश्व का सबसे प्राचीन धर्म है। यह वेदों पर आधारित धर्म है, जो पूजा-अर्चना उपासना की अलग-अलग कई पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए है। अनुयायियों की संख्या के आधार पर हिन्दू धर्म विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है, संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं ! लेकिन भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है ! प्रतिशत के लिहाज़ से नेपाल में सबसे ज्यादा हिन्दू हैं ! नेपाल पूरी तरह हिन्दू राष्ट्र है ! हिन्दी और संस्कृत में हिन्दू धर्म को सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। पहले यह सनातन धर्म ही कहलाता था, किन्तु विश्व में छोटे-बड़े अनेक समुदायों के नए-नए धर्मो के फैलने के साथ ही समस्त हिन्दू समुदाय का धर्म हिन्दू धर्म कहलाने लगा ! इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हर धर्म के साथ उसके प्रवर्तक का नाम अवश्य आता है ! लेकिन हिन्दू धर्म अपवाद है ! इसके साथ किसी इन्सान विशेष का नाम नहीं जुड़ा हुआ ! इसका अर्थ क्या यह माना जाए कि यह धर्म चिर काल से है और हर हिन्दू इन्सान इसका प्रवर्तक है तथा हर देवता प्रचारक या यह देवताओं के द्वारा रचा गया धर्म है और हम इन्सान इसके अनुयायी हैं ! हिन्दू धर्म ही एकमात्र वह धर्म है, जिसने समय-समय पर अपनी रीतियों-कुरीतियों में बिना किसी हिचक के बदलाव किया है और कहीं कोई बवाल नहीं मचा ! इतिहास की गहराई में न जाकर हम यह कहेंगे कि हमने अभी तक आपको यह बताया है कि हिन्दू कौन हैं ? क्यों है ? किसलिए हैं ? हमारा धर्म क्या है ? क्यों है ? और अब मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि क्यों मैं अपने हर देशवासी से अपील कर रहा हूँ कि हिन्दू बनो ! मैं भारत के हर नागरिक से यह नहीं कह रहा कि वह भारतीय बनें, क्योंकि भारतीय तो भारत में रहने वाला हर नागरिक है ही !मैं INDIA में रहने वाले हर नागरिक से यह भी नहीं कह रहा कि INDIAN बनो, क्योंकि INDIAN तो वह है ही ! क्यों मैं अपने हर देशवासी से अपील कर रहा हूँ कि हिन्दू बनो ! इसका कारण है - हिन्दू केवल एक धर्म नहीं है ! हिन्दू एक संस्था है ! हिन्दू एक आदर्श है ! हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नही है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है ! " हिन्दू अर्थात् वह, जो अपने मन, वचन, कर्म से हिंसा को दूर रखे - वह हिन्दू है ! और हिंसा क्या है ? अपने लाभ अथवा स्वार्थ के लिए किया गया कोई भी ऐसा काम, जिस से किसी दूसरे को कष्ट हो, हिंसा है ! मेरा हिन्दुस्तान के लोगों से हिन्दू बनने का अनुरोध, ऐसा ही हिन्दू बनने के लिए है ! हिन्दू हमेशा अपने पड़ोसियों से मिलजुल कर रहता है ! हिन्दू किसी भी जाति या धर्म के लोगों से द्वेष भाव नहीं रखता ! हिन्दू अकारण किसी को चोट नहीं पहुंचाता ! हिन्दू पशु-पक्षियों के प्रति भी दया भाव रखता है! हिन्दू नारी को घर की वस्तु अथवा भोग की सामग्री नहीं समझता ! हिन्दू नारी का सम्मान करता है ! किसी की भी माँ-बहन बीवी या बेटी को बुरी नज़र से नहीं देखता ! हिन्दू नारी में देवी के दर्शन करता है ! प्रियजनों, शायद आपको मेरे शब्दों में अतिश्योक्ति लग रही हो, क्योंकि आज हिन्दुओं में भी बड़े-बड़े अपराधी पनप रहें है ! किन्तु हिन्दू धर्म के गंगाजल में चन्द बिच्छू या साँप निकल आयें तो जल की महिमा कम नहीं होती ! इसलिए विश्व के हर व्यक्ति से मेरी विनती है कि मन से हिन्दू बनिये ! दुनिया से लड़ाई-झगडे आतंकवाद खुद-ब-खुद ख़त्म हो जायेंगे !
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