ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ! भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे | ॐ जय जगदीश हरे ! स्वामी जय जगदीश हरे ! जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का, स्वामी दुःख बिनसे मन का ! सुख सम्पति घर आवे, सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ! ॐ जय जगदीश हरे ! स्वामी जय जगदीश हरे ! मात पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी, स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी ! तुम बिन और न दूजा, तुम बिन और न दूजा, आस करूँ मैं जिसकी ! ॐ जय जगदीश हरे ! स्वामी जय जगदीश हरे ! तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी, स्वामी तुम अन्तर्यामी | पारब्रह्म परमेश्वर, पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी ! ॐ जय जगदीश हरे ! स्वामी जय जगदीश हरे !