ॐ जय जगदीश हरे…..!

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे !
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे |
ॐ जय जगदीश हरे !
स्वामी जय जगदीश हरे !

जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का !
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का !
ॐ जय जगदीश हरे !
स्वामी जय जगदीश हरे !

मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूँ किसकी,
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी !
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूँ मैं जिसकी !
ॐ जय जगदीश हरे !
स्वामी जय जगदीश हरे !

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी |
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी !
ॐ जय जगदीश हरे !
स्वामी जय जगदीश हरे !